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Dr. Srimati Tara Singh
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मन एक परिंदा है

 
मन एक परिंदा है


मन एक परिंदा है, उड़ता है आसमान में,
खुली हवा में खो जाता है, अपने सपनों में।
हर पल नई उड़ान, नई मंजिल की ओर,
मन एक परिंदा है, जीवन की यात्रा में।


मन एक परिंदा है, जो कभी नहीं थकता,
हर पल नई ऊर्जा, नई उमंग के साथ।
उड़ता है उचाईयों पर, गहराईयों में भी,
मन एक परिंदा है, जीवन की सच्चाई में।


मन एक परिंदा है, जो स्वतंत्र है,
कोई बंधन नहीं, कोई सीमा नहीं।
उड़ता है अपने सपनों की दुनिया में,
मन एक परिंदा है, जीवन की खुशियों में।


मन एक परिंदा है, जो कभी नहीं रुकता,
हर पल नई यात्रा, नई मंजिल की ओर।
उड़ता है आसमान में, खुली हवा में,
मन एक परिंदा है, जीवन की यात्रा में।


मन एक परिंदा है, जो जीवन को जीता है,
हर पल नई खुशी, नई उमंग के साथ।
उड़ता है उचाईयों पर, गहराईयों में भी,
मन एक परिंदा है, जीवन की सच्चाई में।। 
- सुख मंगल सिंह

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