Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

माता-पिता की उपेक्षा क्यों?

 
माता-पिता की उपेक्षा क्यों? 


माता-पिता हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जन्म देते हैं, हमें पालते हैं, हमें सिखाते हैं और हमें जीवन के हर कदम पर समर्थन देते हैं। लेकिन आजकल के आधुनिक समय में माता-पिता की उपेक्षा एक बड़ी समाजिक चिंता बन गई है।

मनोहर और आशा की कहानी भी ऐसी ही। उनके दो बेटे बुद्धि और बल पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी कर रहे हैं, लेकिन अपने माता-पिता को अकेले ही जीवन बिताने के लिए छोड़ दिया है। यह देखकर मनोहर और आशा को बहुत दुख होता है। वे अपने बेटों से उम्मीद करते हैं कि वे उनकी देखभाल करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होता।

इस समस्या के कई कारण हैं:


अपने माता-पिता की देखभाल करने में बच्चों की असमर्थता।
नौकरी और करियर का दबाव।
शहरों में रहने की मजबूरी।
परिवार के बीच कम संवाद।
समाज में बदलते मूल्यों का प्रभाव।

इस समस्या का समाधान करने के लिए हमें अपने मूल्यों और परंपराओं को फिर से अपनाने की आवश्यकता है:


माता-पिता की सेवा और सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए समय देना।
नियमित संवाद और मुलाकात।
उनकी भावनाओं को समझने और सम्मान करना।
समाज में माता-पिता की सेवा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाएं बनानी।


इसके अलावा, सरकार और समाज को भी इस समस्या का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी:


वृद्धाश्रमों की स्थापना करना।
माता-पिता की देखभाल के लिए योजनाएं बनाना।
समाज में माता-पिता की सेवा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाएं बनानी।
शिक्षा प्रणाली में माता-पिता की सेवा को महत्व देना।


आइए हम अपने माता-पिता की सेवा और सम्मान करने का संकल्प लें और उन्हें अकेलेपन से बचाएं। वे हमारे लिए हमेशा खड़े रहे, अब हमारी बारी है। हमें अपने माता-पिता की उपेक्षा को रोकने के लिए एकजुट होना होगा और समाज में इस समस्या के प्रति जागरूकता फैलानी होगी।


माता-पिता की उपेक्षा को रोकने के लिए हमें निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:


अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए समय दें।
उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रयास करें।
उनकी भावनाओं को समझने और सम्मान करने का प्रयास करें।
समाज में माता-पिता की सेवा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाएं बनाएं।
सरकार और समाज को इस समस्या का समाधान करने में सहयोग करें।


आइए हम अपने माता-पिता की सेवा और सम्मान करने का संकल्प लें और उन्हें अकेलेपन से बचाए। 
-सुख मंगल सिंह

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ