ऊँ सूर्य देवाय नम:
ऊँ सूर्य देवाय नम:
गुणवंत: क्लिश्यन्त: प्रायेण
भवन्ति निर्गुणा: सुखिनः
बन्धनमायान्ति शुका:
यथेष्टसन्चारिण: काका:।
अर्थात गुणवान को क्लेश भोगना पड़ता है।
और निर्गुण सुखी रहता है। जैसे तोते को पिजरे
में डाल दिया जाता है किंतु काग आकाश में स्वच्छंद
विचरण करता है।
- सुख मंगल सिंह'मंगल'
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