" ऑनलाइन शिक्षा"
ऑनलाइन शिक्षा को सरल भाषा में इंटरनेट आधारित शिक्षा कहते हैं। भारत जैसे शिक्षित देश में सदियों से ही गुरुकुल में रहकर ही स्वस्थ सस्त्र, शास्त्र, व्यवसाय एवं जीवन यापन जैसे विभिन्न गुणों की शिक्षा बच्चे ग्रहण करते हैं। समय बीतने के साथ-साथ गुरुकुलों का स्थान दैनिक विद्यालयों ने ले लिया और वर्तमान काल में शिक्षा की इसी पद्धति पर शिक्षा व्यवस्था सुचारू से चलाई जाने लगी है।
विभिन्न तकनीकी शिक्षा के रूप में कंप्यूटर की भी शिक्षा को शामिल किया गया है।
यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली काफी समय से हमारे बीच मौजूद है परंतु शिक्षा के क्षेत्र में इस आदत में नहीं लिया जाता था।
कोरोना कल के समय सन 2019 में लॉकडाउन भारत में जब लगा इसका उपयोग तेजी से बढ़ गया। उसे समय यदि ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था नहीं होती तो शिक्षा दे पाना संभव नहीं हो पता। कोरोना काल में भी छात्र पूर्णकालिक कार्यरत होने के साथ-साथ ग्रेजुएट एवं अन्य पाठ्यक्रम पूर्ण कर सके।
शिक्षा को इंटरनेट के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल कंप्यूटर और टैबलेट द्वारा प्राप्त करना ऑनलाइन शिक्षा के अंतर्गत आता है।
सामान्य रूप से देखें तो ऑनलाइन पाठ्यक्रम शिक्षा छात्र सुविधा को बढ़ाने समायोजन एवं समन्वय में भी अभी वृद्धि करते हैं। हालांकि हमारे देश में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली अपने आरंभिक चरण में है
महामारी के चलते शिक्षण संस्थानों और छात्रों को इसके अनुरूप डालना देश के लिए एक चुनौती थी। लॉकडाउन के समय जब बच्चे अपनी पढ़ाई से दूर हो रहे थे उसे समय ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था ही एक ऐसी व्यवस्था थी जिससे छात्र पढ़ाई कर सके। उन दोनों बच्चों को किताबों से दूर नहीं होने दिया गया अपितु विद्यार्थी वर्चुअल रूप से अपनी शिक्षा को अनवरत रूप से जारी रख सके।
ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का आरंभ सन 1993 में हुआ था इंटरनेट का प्रयोग बढ़ाने के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को हवा मिलने लगी और आज यह प्रत्येक छात्र की जरूरत बन गई है। बच्चों की जरूरत के अनुसार शिक्षा की व्यवस्था और प्रणाली में सुधार किया गया है।
ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के माध्यम से छात्र घर पर ही बैठकर शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। हालांकि इंटरनेट की व्यवस्था अभी कुछ छात्रों तक ही सीमित है इसका विस्तार किया जाना अति आवश्यक हो गया है इस का लाभ सभी छात्रों को मिले इसके लिए और आगे कदम उठाने की जरूरत है।
जीवन की ज्योति को जगाती शिक्षा
जीवन में नव निखार लाती शिक्षा।
जितना भी हम अपनाते है ंंउसको
पूरी कभी भी ना हो पाती शिक्षा।।
इस व्यवस्था की सबसे बड़ी समस्या यह है कि आज भी कई मध्यम वर्गीय परिवारों में स्मार्टफोन जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट मुहैया करने की व्यवस्था में लगी हुई है परंतु सभी छात्रों को अभी यह सुविधा मिल पाना असंभव सा है। -
शिक्षा कितनी जरूरी होती
ता उम्र इच्छा पूरी न होती।
अवगुण सदा मिटाती शिक्षा
जीवन ज्योति जगती शिक्षा। ।
हाई स्कूल और इंटरमीडिएट पास छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट बनते जा रहे हैं जो फ्री में सरकार उपलब्ध करा रही है विद्यालयों तथा विश्वविद्यालय के माध्यम से यह व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है परंतु यह पर्याप्त नहीं है।
मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को ऑनलाइन की ओर ले जाने की सरकार की मुहिम चल रही है और इससे कोरोना जैसे महामारी के समय भी भारत सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से प्रगति की ओर बढ़ा है।
यूजीसी ने इसके लिए पूरा प्लान जारी कर दिया है जिसके तहत विश्वविद्यालय को अवकोष का 25 फ़ीसदी हिस्सा ऑनलाइन में पढाना आवश्यक ही नहीं बल्कि जरूरी हो गया है। डिजिटल माध्यम से विद्यालयों में टीचर्स की हाजिरी ली जा रही है और डिजिटल माध्यम से ही अध्यापक अपने छात्रों की उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। -
नई शिक्षा नया प्रसार, नई तकनीक नया अविष्कार
सिखाती एक नया नई सबक, ऑनलाइन है नया चलन।
ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से पढ़ाई के जहां फायदे हैं वहीं हानियां भी हैं जैसे-
1- अभिभावक बच्चों के पढ़ाई हेतु स्मार्टफोन जैसे तैसे देते हैं परंतु उसके ऊपर निगरानी नहीं रख पाते हैं इसलिए बच्चे इसी का फायदा उठाकर ऐसी चीजें देखते रहते हैं जिसे उन्हें नहीं देखना चाहिए होता है।
2- ऑनलाइन पढ़ाई में अनुशासन का अभाव आ जाता है करण की वह अपनी मर्जी के मुताबिक छात्र समय निकाल कर पढता है।
3- ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों ने क्या सीखा इसका आकलन करना कठिन हो जाता है। उसकी समझ का परीक्षण परीक्षा होने के उपरांत ही किया जा सकता है।
4- ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की आंखों पर असर पड़ता है सभी बच्चों की एक जैसी दृश्यता नहीं होती है इसलिए इस पर कुछ विशेष व्यवस्था करने की आवश्यकता है बच्चों को या तो ऐसा चश्मा दिया जाए जिससे उनके आंखों पर प्रभाव न पड़े।
5- एक जगह सही से नहीं बैठने के कारण रीड की हड्डियों में समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है जो आगे चलकर हानिकारक सिद्ध होती है। भारत से अलग देश में देखा गया है कि जो लोग कंप्यूटर पर काम करते हैं उनके लिए पीठ पर एक विशेष तरह का बेल्ट लगा हुआ दिखाई देता है इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे रीढ की हड्डियों में किसी तरह की परेशानी ना हो सके।
6- ऑनलाइन पढ़ाई से उंगलियों और आंखों में दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है इसका वह हमेशा बना रहता है।
7- ऑनलाइन पढ़ाई करने में गरीब बच्चों को खासकर उन बच्चों को जिनके पास स्मार्टफोन अथवा टैबलेट नहीं है पढ़ाई करना दुभर हो जाता है।
ऑनलाइन पाठ्यक्रम छात्रों की सुविधा बढ़ाने वाला होने के साथ ही समायोजन एवं समन्वय में भी वृद्धि करने का कार्य करता है। ऑनलाइन की सुविधा का प्रयोग सभी लोग प्राप्त कर सकते हैं वह अपनी सुविधा अनुसार समय निकालकर अपने कामकाज में से ऑनलाइन होकर शिक्षा भी ग्रहण कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा से आवास और परिवहन शुल्क की बचत होती है कार्यक्रम को तेजी के साथ पूरा करने में मदद मिलती है।
ऑनलाइन शिक्षा में छोटे-छोटे व्याख्यानों के द्वारा छोटे-छोटे हिस्से में लोग भाग लेने से दिलचस्पी दिखाते हैं।
जिन लोगों को आवागमन की सुविधा की कमी महसूस होती है उन्हें भी ऐसे विश्वविद्यालय ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने की अनुमति प्रदान करते हैं।
सभी देशवासियों से सभी लोगों से सभी छात्रों से हम अनुरोध करेंगे की अच्छे पाठ्यक्रम का चयन करके ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करते रहें। शिक्षा वह खजाना है जिसके माध्यम से देश दुनिया में मानव जीवन में उन्नति प्राप्त करने सम्मान प्राप्त करने यश प्राप्त करने का सबसे बढ़िया माध्यम यदि कोई है तो वह शिक्षा है।
-सुख मंगल सिंह
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