राधा संग माधव खेले न होली
राधा संग माधव मुरारी
बरसाने खेलैं होरी।
सबुज बरनियां गुलाल करिडारी
बदरा में बिजुरी करत किलकारी
चुनरी भयल चटकार
बरसाने खेलैं न होरी।
राधा संग माधव मुरारी
बरसाने खेलैं न होरी।
राधा जी भिगोवें श्याम शिरवा कै दगिया
नहवां के रंगवा से डाले सन बगिया
सांवर भाईलैं हरियर बहार
बरसाने खेलैं होरी।
राधा संग माधव मुरारी
बरसाने खेलैं होरी।
नव रंग अंग व लगत नभ धनुहीं
देखि जरी मरी जाली कुलटा रे कल ही
मनवा भोरावैं जादू आ डारि
बरसाने खेलैं न होरी।
राधा संग माधव मुरारी
बरसाने खेलैं न होरी।
मंगल बयरिया रहल फगुनाइल
बनवा पहरवा कछरिया रंगाइल
लाल भइनी ब्रिज हरि दर
बरसाने खेल खेलैं होरी।
राधा संग माधव मुरारी
बरसाने खेलैं होली।
- सुख मंगल सिंह
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