शादी की शुभकामनाएं
तुम रूठा रूठा क्यों है यार
बता मैं कैसे गाऊं मल्हार !
सात फेरे में तय नहीं हुई दूरी
साथ-साथ चलना है मजबूरी।
शादी करना भी रहा जरूरी
रिश्ता निभाना भी है हुजूरी।
दुल्हन जब बेटी बन जाती
खुशियां मायके में भर जाती।
जलने वाले होते हैं दुखिया
मुबारक देता है हर मुखिया।
खूबसूरत पड़ाव होता है शादी
दोनों की नहीं होती कहीं बर्बादी।
जिंदगी के सफर की शुरुआत होती
दोनों खुश रहते हैं करके शादी।
मुबारक हो तुमको यह शादी
खुशी मिले करके शादी उतनी
रात के तारे उगते हो जितने
दिल से दुआ देते हैं हम सबनें।
चारों तरफ खुशियां छाई शादी में
इत्र से गुलाब नहाया है शादी में।
बारात सजी तारे उतर आए शादी में
नदियों का संगम सजा है शादी में।
हाथों में मेहंदी महकेगी शादी है
दुल्हन की चूड़ी खनकेगी शादी है।
प्यार की पतंग अब उड़ेगी शादी है
आमंत्रित देवता हैं आए शादी है।
जब तक धरा और आकाश रहे
आप दोनों एक दूजे के साथ रहे।
ईश्वर देवें सारी खुशियां दोनों को
दुख सारे खत्म हो आप दोनों के।
- सुख मंगल सिंह
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