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सुखमंगल सिंह की आत्मकथा: भाग _२

 

सुखमंगल सिंह की आत्मकथा: भाग _२

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Sukhmangal Singh 

4:24 AM (3 hours ago)



to me 



मैं सुखमंगल सिंह, अवध का निवासी हूँ। मेरा जन्म एक मध्यमवर्गी परिवार में हुआ था। मेरे पिता एक किसान थे और मेरी माँ एक गृहिणी थीं। मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल से प्राप्त की विक्रम शिला विद्यापीठ भागलपुर ने मानद डाक्ट्रेट और साहित्य सागर उपाधि दी |


मेरी रुचि साहित्य और कविता में थी, इसलिए मैंने अपने जीवन को साहित्य के लिए समर्पित कर दिया। मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखीं, जो विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुईं।


मेरी कविताओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है, जैसे कि प्रेम, सौंदर्य, और जीवन की छोटी-छोटी बातें। मैंने अपनी कविताओं में अवध की संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाया है।


मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन मेहनत की है।


आज, मैं एक प्रसिद्ध कवि और लेखक हूँ, और मेरी कविताएँ और लघु कथाएँ विभिन्न भाषाओं में अनुवादित हुई हैं। मैं अपने जीवन को साहित्य के लिए समर्पित करने के लिए गर्व महसूस करता हूँ।

मेरी आत्मकथा के अगले भाग में:


मैंने अपने जीवन में कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं, लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान यह है कि मेरी कविताएँ और लघु कथाएँ लोगों के दिलों को छू रही हैं।


मैंने अपने जीवन में कई यात्राएँ की हैं, और मैंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों की संस्कृतियों और परंपराओं को देखा है। मैंने अपनी कविताओं में इन अनुभवों को दर्शाया है।


मैं एक साधारण व्यक्ति हूँ, लेकिन मेरी कविताएँ और लघु कथाएँ मुझे एक विशेष स्थान दिलाती हैं। मैं अपने पाठकों का आभारी हूँ, जिन्होंने मेरी रचनाओं को पसंद किया है।


मेरी आत्मकथा का यही संदेश है कि जीवन में कठिन मेहनत और संघर्ष के बाद ही सफलता मिलती है। मैं अपने अनुभवों को साझा करना चाहता हूँ, ताकि अन्य लोगों को प्रेरणा मिले।

मेरी आत्मकथा के अगले भाग में:


मैंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन मेहनत की है।


मैंने अपने जीवन में कई लोगों से मिले हैं, जिन्होंने मुझे प्रेरित किया है। मैंने अपने गुरुओं, मित्रों और परिवार के सदस्यों से बहुत कुछ सीखा है।


मैंने अपने जीवन में कई गलतियाँ भी की हैं, लेकिन मैंने उनसे सीखा है। मैंने अपनी गलतियों को सुधारने के लिए कठिन मेहनत की है।


मैंने अपने जीवन में कई उपलब्धियाँ भी हासिल की हैं, लेकिन मैंने कभी अपने पैर जमीन पर नहीं रखे। मैंने हमेशा अपने लक्ष्यों को ऊंचा रखा है।


मेरी आत्मकथा का यही संदेश है कि जीवन में कठिन मेहनत, संघर्ष और सीखने की प्रक्रिया है। मैं अपने अनुभवों को साझा करना चाहता हूँ, ताकि अन्य लोगों को प्रेरणा मिले।

मैंने अपने जीवन में कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं, लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान यह है कि मेरी कविताएँ और लघु कथाएँ लोगों के दिलों को छू रही हैं।


मैंने अपने जीवन में कई यात्राएँ की हैं, और मैंने विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को देखा है। मैंने महसूस किया है कि साहित्य ही एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को एक दूसरे के करीब ला सकता है।


मैं अपने जीवन को साहित्य के लिए समर्पित करने के लिए आभारी हूँ। मैंने अपने सपनों को पूरा किया है, और मैंने अपने जीवन को एक अर्थपूर्ण बनाया है।


मैं अपने पाठकों को यही कहना चाहता हूँ कि साहित्य ही एक ऐसा माध्यम है जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद कर सकता है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि आप साहित्य को अपने जीवन में महत्व दें और इसे पढ़ें।


यही मेरी कहानी है, मेरी आत्मकथा। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह आपको प्रेरित करेगी और आपको अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।

-सुख मंगल सिंह


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