सुख मंगल सिंह कौन ?
सुखमंगल सिंह एक प्रसिद्ध लेखक, कवि और साहित्यकार हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी रचनाएँ अपनी गहराई, संवेदनशीलता और सामाजिक प्रासंगिकता के लिए जानी जाती हैं।
*जीवन परिचय*
सुखमंगल सिंह का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद लेखन की दुनिया में कदम रखा। उनकी पहली कविता संग्रह की प्रकाशन के साथ ही उन्हें साहित्यिक हलकों में पहचान मिली।
*साहित्यिक योगदान*
सुखमंगल सिंह का साहित्यिक योगदान बहुत व्यापक है। उन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक और निबंध सहित विभिन्न साहित्यिक विधाओं में लिखा है। उनकी रचनाएँ अपनी सामाजिक प्रासंगिकता, संवेदनशीलता और गहराई के लिए जानी जाती हैं।
*प्रमुख रचनाएँ*
सुखमंगल सिंह की कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं:
दक्ष प्रजापति और नारद, कवि को छोटा ना समझना, धैर्य के पीछे मकान, सरयू, हल्दीरस्म, पुणे की दिवाली, वीरता ही जीवन का उद्देश्य, जिंदगी छल रही है, जिंदगी चल रही है ,मां दुर्गा, गगन में लहराए तिरंगा, मनी एक परिंदा है, पितृ पक्ष की यादें, भगवान राम की महिमा, हिंदी साहित्य का गौरव, छांव चले धूप, रूप सौंदर्य, हिंदी हमारी प्यारी भाषा, तुम्हारे बिना जीवन सूना सूना, नए रचनाकार कर रहे बंटाधार, हिंदी हमारी शान है, ऋषि पंचमी और महत्व, शास्त्र साहित्य का प्रभाव, बड़ा निक लागे गांव की बाड़ी, अंधकार से प्रकाश की ओर, परीक्षित और उनमें, संकल्प से सिद्ध, रंति देव की यश गाथा, आजादी का जस्न, सीमा का जवान, बस एक बार ऐसा समय आता, मुनमुन, श्रावणी अमावस्या, मोक्ष और मुक्ति, जीने का अंदाज, स्मृतियों के झरोखे से, वह पुस्तक पढ़ें, अपनी तो जैसे तैसे, गयल असाढ, कावड़ यात्रा सावन में, शांति की एक बूंद, लीची पर लोचा, एक मां की ब्यथा, आई बारात, बारिश बाद निकली धूप, हरिपद सूरत नारी तरी, पिया पेरिस घुमा दा, कलियुगी सच, वसंत ऋतु, राधा संग माधव खेलन होली, खेलन आयो होली आदि।
*सम्मान और पुरस्कार*
सुखमंगल सिंह को उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं।
सुखमंगल सिंह के कुछ और महत्वपूर्ण योगदान और सम्मान हैं:
*साहित्यिक योगदान*
- *सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर लेखन*: सुखमंगल सिंह ने सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर बहुत लिखा है, जैसे कि गरीबी, भ्रष्टाचार, और सामाजिक न्याय।
- *हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए काम*: सुखमंगल सिंह ने हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया है, जैसे कि हिंदी साहित्य सम्मेलनों का आयोजन और हिंदी साहित्य के प्रचार के लिए लेखन।
- *नई पीढ़ी के लेखकों को प्रोत्साहित करना*: सुखमंगल सिंह ने नई पीढ़ी के लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत काम किया है, जैसे कि उन्हें लेखन के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी रचनाओं को प्रकाशित करने में मदद करना।
*सम्मान और पुरस्कार*
- *पुरस्कार*: सुखमंगल सिंह को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
- सुख मंगल सिंह
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