स्वदेशी खेती सभी लोगवा के अपनावे के होइ ! स्वदेशी बीज हमनी के सबके बचावे के होई | * होली हो -चाहे दशहरा खुशहाली लावे के होई खेती- किसानी अपनी विश्व में दिखावे के हूई | * पग पग पर संग्राम प्रबल प्रण- निभावे के होई ! अपने खेतवा से उत्तम बीज बनावे के होई | * स्वदेशी बीज हमनी के फिर उपजावे के हूई वर्निंग-कपोष्ट खाद से बीज उगावे के होई | * समय-समय पे खेती की निगरानी करावे के होई गौ- गोबर को खेती के प्रयोग में लावे के होई | * हानिकारक कीटाणुओं से फसल बचावे के होई स्वदेशी बीज राउरो को भी अपनावे के होई | * राष्ट्र को महान बनावे और दिखावे के होई विश्व में भारत का अब परचम पहरावे के होई | -सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी
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