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Dr. Srimati Tara Singh
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स्वदेशी खेती

 

"स्वदेशी खेती "










स्वदेशी खेती सभी लोगवा
के अपनावे के होइ !
स्वदेशी बीज हमनी के
सबके बचावे के होई |
*
होली हो -चाहे दशहरा
खुशहाली लावे के होई
खेती- किसानी अपनी
विश्व में दिखावे के हूई |
*
पग पग पर संग्राम प्रबल
प्रण- निभावे के होई !
अपने खेतवा से उत्तम
बीज बनावे के होई |
*
स्वदेशी बीज हमनी के
फिर उपजावे के हूई
वर्निंग-कपोष्ट खाद से
बीज उगावे के होई |
*
समय-समय पे खेती की
निगरानी करावे के होई
गौ- गोबर को खेती के
प्रयोग में लावे के होई |
*
हानिकारक कीटाणुओं से
फसल बचावे के होई
स्वदेशी बीज राउरो को
भी अपनावे के होई |
*
राष्ट्र को महान बनावे
और दिखावे के होई
विश्व में भारत का अब
परचम पहरावे के होई |
-सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी









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