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Dr. Srimati Tara Singh
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तिरंगा लहरा

 

" तिरंगा लहरा"

आजादी पाई भारतवासी हो कुछ गालो,
पतझड़ आते सिरहाने तक  मधु गीत सुना लो।
कर कमलों से अपने उन सब पर फूल चढ़ा लो,
 हो हिंदुस्तानी तो हिंद  - पताका लहरा लो।।

इतिहास बदलना वीरों का ही है काम मान,
उठना गिरना और मचलना शहीदों के नाम।
आजादी के दीवानों पर एक दीप जला लो,
सिंधु लहरी बोल उठी हैं विश्व तिरंगा लहरा दो।।

निज जननी खातिर हंसी खुशी से रुधिर बहाया,
वतन के खातिर कभी ना उसने शीश झुकाया।
कुंठा और निराशा छोड़ वीर ऊपर गा लो ,
सौहार्द - प्रेम -  समरसता का दीप जला दो ।।

वीर पूर्वजो - बलिदान की कथा सुना दो,
भारत माता के रणबांकुरे को याद दिला दो।
सीमा से दुश्मन के सीने पर  कहर बरपा दो,
पतझड़ आते सिरहाने तक मधु गीत सुना लो।।

युगों - युगों राष्ट्रप्रेम की गाथा गाई जाएगी,
आजादी के मतवालों पर दीप सजाया जाएगा।
शहीदों के नाम सदा तिरंगा लहराया जाएगा,
बलिदानी के  मान में वंदेमातरम गाया जाएगा।।
- सुख मंगल सिंह अवध निवासी



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