तुम्हारे बिना जीवन सूना सूना
बढ़ो बहादुर बढ़ो, समर सुनसान बड़ा है,
तुम्हारे बिना यह जीवन सूना सूना है।
तुम्हारी वीरता की कहानी सुनाने को,
हमारे दिल में तुम्हारी याद जगी है।
तुम्हारा नाम लेते ही दुश्मन तर-तर कांपते,
तुम्हारे तलवार का नाम सुनते ही वह भाग जाते।
तुम्हारी वीरता की गाथा गाते हैं सारे जग में,
तुम्हारा नाम लेते ही हर कोई गर्व से खिल जाता।
बढ़ो बहादुर बढ़ो, समर सुनसान पड़ा है,
तुम्हारे बिना यह जीवन सूना सूना है।
तुम्हारी वीरता की कहानी सुनाने को,
हमारे दिल में तुम्हारी याद जगी है।
तुम्हारी याद में हमारे दिल में जोश जागता है,
तुम्हारी याद में दिल में वीरता का संचार होता है।
बढ़ो बहादुर बढ़ो समर सुनसान पड़ा है,
तुम्हारे बिना यह जीवन सूना सूना है।
-सुख मंगल सिंह
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY