कहाँ पता है उस कच्चे घर की दरक रही है भीत?
गौरैया की चहचहाहट सुनाई देती है,
वह अपने गीतों से हमें खुशियाँ देती है।
उसकी छोटी सी चोंच और पंखों की खूबसूरती,
हमें उसकी ओर आकर्षित करती है।
गौरैया की कहानी बहुत ही रोचक है,
वह अपने परिवार के साथ रहती है।
उसके बच्चे उसकी देखभाल में बड़े होते हैं,
और वह अपने परिवार के साथ खुशियाँ मनाती है।
गौरैया की संख्या में कमी आ रही है,
हमें उसकी रक्षा करनी चाहिए।
हमें उसके आवासों की रक्षा करनी चाहिए,
और उसके लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए।
आइए हम गौरैया की रक्षा करें,
और उसकी संख्या में वृद्धि करें।
आइए हम उसके लिए काम करें,
और उसकी खुशियों को बढ़ाएं।
विश्व गौरैया दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए,
कि हम गौरैया की रक्षा करेंगे और उसकी संख्या में वृद्धि करेंगे।
आइए हम गौरैया के लिए काम करें,
और उसकी खुशियों को बढ़ाएं।।
-सुख मंगल सिंह
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