भवसागर
तू अपना हाथ लगा ले तो संवर जाऊंगा,
गिला गिला वदन एक सांचे में ढल जाऊंगा।
तेरा हाथ हो सर पर तो छू लूं में बुलंदियां,
सूरज बनकर दुनियां में प्रकाश फैला लूंगा।
अरे तेरे चेहरे पर दिखती भीगी भीगी रंगत,
तेरी एक नजर से मेरी जिंदगी निखर जाएगी।
मैं ने सौंप दिया अपना मुकद्दर तेरे हाथों में,
खेवनहार! पतवार दो भव पार उतर जाएंगे।
- सुख मंगल सिंह
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