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Dr. Srimati Tara Singh
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पहलगाम आतंकी हमला और विमर्श

 
पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम की बैसरन घाटी में हुआ था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें से अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। हमलावरों ने अपनी धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बनाया था।

*हमले की मुख्य बातें:*

- *हमले का स्थान*: पहलगाम की बैसरन घाटी, अनंतनाग जिला, जम्मू और कश्मीर
- *तारीख*: 22 अप्रैल 2025
- *मृत्यु*: 26
- *घायल*: 20 से अधिक
- *हमलावर*: लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और प्रतिरोध मोर्चा (TRF) के 7 आतंकवादी
- *हथियार*: एम4 कार्बाइन और एके-47
- *उद्देश्य*: जम्मू और कश्मीर में कथित "बाहरी बसाव का विरोध"

*भारत सरकार की प्रतिक्रिया:*

- *सिंधु जल संधि का निलंबन*: भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है।
- *अटारी-वाघा सीमा का बंद होना*: भारत-पाकिस्तान के बीच यात्री और व्यापारिक आवाजाही के एकमात्र जमीनी मार्ग को बंद कर दिया गया है।
- *पाकिस्तान नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना का रद्द होना*: भारत ने सार्क वीज़ा छूट योजना को पाकिस्तान के सभी नागरिकों के लिए निलंबित कर दिया है।
- *पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों की निष्कासन*: भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य सलाहकारों को "अवांछनीय व्यक्ति" घोषित कर दिया है।
- *पाकिस्तान में राजनयिक उपस्थिति में कटौती*: भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग में स्टाफ की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने की घोषणा की है।

*निष्कर्ष:*
पहलगाम आतंकी हमला जम्मू और कश्मीर में पर्यटन और शांति के लिए एक बड़ा झटका है। भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाया है। अब देखना यह है कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और कैसे इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल की जाती है ।

एक रचना प्रस्तुत - 
पहलगाम की वादियों में,
आतंकियों ने मचाया है हाहाकार।
निशाना बनाया निर्दोषों को,
हिंदू पर्यटकों की जान गई है हार।

आंसू बहते हैं अपनों के लिए,
दर्द और पीड़ा का सागर है।
शांति की चाहत में हम चलते हैं,
पर आतंकियों की गोली ने सब बिगाड़ दिया है।

भारत सरकार ने कदम उठाए हैं,
पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए हैं।
सिंधु जल संधि निलंबित की है,
अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी है।

पहलगाम की वादियों में अब,
शांति की बहाली का इंतजार है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में,
हम सबको एकजुट होना होगा।

निष्कर्ष यह है कि हमें,
एकजुट होकर आतंकवाद का सामना करना होगा।
शांति और सौहार्द की राह पर,
हमें आगे बढ़ना होगा।

पहलगाम की वादियों में अब,
शांति की बहाली का समय है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में,
हम सबको एकजुट होना होगा।

आतंकियों का खात्मा हम कैसे कर सकते हैं!

आतंकियों को खत्म करने के लिए,
एकजुट होकर लड़ना होगा।
शांति और सौहार्द की राह पर,
हमें आगे बढ़ना होगा।

सैन्य बलों को मजबूत करना होगा,
आतंकियों के खिलाफ लड़ने के लिए।
गुप्तचर एजेंसियों को सशक्त करना होगा,
आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए।

आतंकवाद के मूल कारणों को समझना होगा,
और उन्हें खत्म करने के लिए काम करना होगा।
शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से,
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए लोगों को तैयार करना होगा।

एकजुट होकर लड़ने से ही,
आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है।
शांति और सौहार्द की राह पर,
हमें आगे बढ़ना होगा।

आतंकियों को खत्म करने के लिए,
कठोर कदम उठाने होंगे।
न्याय और समानता के साथ,
आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा।

एकजुट होकर लड़ने से ही,
आतंकवाद को हराया जा सकता है।
शांति और सौहार्द की राह पर,
हमें आगे बढ़ना होगा।।

आतंकवाद खत्म करने के लिए गुरुकुल का महत्व - 

गुरुकुल की पवित्र धरा पर,
शिक्षा की ज्योति जलानी होगी।
छोटे से बड़े तक सभी को,
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की शिक्षा देनी होगी।

गुरुकुल में शिक्षा की धारा,
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की ताकत देती है।
छोटे बच्चों को सिखाना होगा,
कि आतंकवाद एक बड़ा अपराध है।

बड़ों को भी समझाना होगा,
कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ना हमारा कर्तव्य है।
गुरुकुल की शिक्षा से ही,
आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है।

गुरुकुल में शिक्षा की महत्ता,
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में महत्वपूर्ण है।
छोटे से बड़े तक सभी को,
एकजुट होकर लड़ना होगा।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए,
गुरुकुल की शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है।
इसलिए गुरुकुल में शिक्षा की धारा,
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की ताकत देती है।

गुरुकुल की पवित्र धरा पर,
शिक्षा की ज्योति जलानी होगी।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए,
गुरुकुल की शिक्षा सबसे बड़ा सहारा है।।

- सुख मंगल सिंह
वरिष्ठ साहित्यकार कवि एवं लेखक 
 वाराणसी वासी ,अवध निवासी 


Sukhmangal Singh

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