पुरानी परिपाटी अपनाते हैं!
पहले घर दूर-दूर था इसलिए लोग बाॅक लगाते थे,
आज आबादी बढ़ चुकी है फिर भी परिपाटी अपनाते हैं।
अल्लाह मियां बड़ा है क्या जो तीन तल्ला से चिल्लाते हैं,
खुशी मनाओ शासन प्रशासन की जिससे छूट यह बातें हैं।
लोगों की आदतें नहीं बदलती हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
आजकल के जमाने में भी लोग पुरानी बातें कहते हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
लोगों की आदतें नहीं बदलती हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
आजकल के जमाने में भी लोग पुरानी बातें कहते हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
लोगों की आदतें नहीं बदलती हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
आजकल के जमाने में भी लोग पुरानी बातें कहते हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
लोगों की आदतें नहीं बदलती हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
लोगों की आदतें नहीं बदलती हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
आजकल के जमाने में भी लोग पुरानी बातें कहते हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
लोगों की आदतें नहीं बदलती हैं,
वे अपनी परिपाटी को नहीं छोड़ते हैं।
वे अपने रीति-रिवाजों को नहीं बदलते हैं,
वे अपनी परंपराओं को नहीं तोड़ते हैं।
- सुख मंगल सिंह
Sukhmangal Singh
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