संकल्प से सिद्धि
न्यूनता ही अभावों की जन्मदात्री है
अभाव का रोना धोना सही नहीं।
भक्ति चेतना का केंद्रिय तत्व भाव है
भक्ति भाव से मिट जाता अभाव।
भक्ति की शक्ति मानुष्यता का लक्ष्ण है
नवधा भक्ति से मानवता का संरक्षण।
सत्संग सत्कथा गुरु सेवा का अभ्यास
दृढ़ विश्वास की सिद्धि के लिए मंत्र जाप।
सबके प्रति सरल छलहीन करें व्यवहार
दीन हीन ना हों हर्ष का होवे संचार।
पराया दोष न देखने का करें अभ्यास
जो प्राप्त है उसमें संतोष का अनुभव।
खंड खंड पाखंड में मन भ्रमित ना हो
चुनौतियों से टकराने वाला मन सजोय।
स्वारथ परमारथ सभी सुलभ उसी के द्वार
और द्वार ना मांगना 'मंगल' करो विचार।
मंगल करो विचार सत साहित्य लिखना
अभाव में कभी ना रोना धैर्य भाव रखना।
- सुख मंगल सिंह
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