" स्वप्न हकीकत बयां किया"
सपना हकीकत बयान करते हैं
बरसों की याद ताजा करते हैं।
मैं भी भोराहरी की बात बताएं
बचपन की वह यादें दिखलाए।
बालकाण्ड की यात्रा पर ले जाता
उपवन की बात कही हुई दिखाता।
प्राचीन बगीचे की यात्रा करवाता
मुझको नींद में पूरा दृश्य दिखाता।
वही प्राचीन उपवन याद में आता
पुराने और पेड़ों की कतार दिखाता
मां काली का मंदिर मुझको भाता
उपवन बीच पुरानी चक्की दिखता।
विविध फूलों से था सजा बगीचा
पाठर की कठवत वाचक का नाता
सब कुछ देखा है मेरे मन को भाता
सपना हकीकत बयान कर जाता।
कुछ परिवर्तन उसमें पहले से था
पुष्पों के पौधों में जगह बदला था
पहाड़ धन का कटोरा हटा हुआ था
चौकी चाकी जहां की तहां बनी थी।
मां काली के मंदिर की छटा निराली
मन को मेरे वह कर रही थी मतवली
प्राचीन पेड़ों को हमने प्रणाम किया
माता से हमने भरपूर आशीर्वाद लिया।
दिव्य आभा मंडल का ध्यान किया
इस मानव जीवन को सफल किया
स्वप्न में अपनी बहनों का ध्यान किया
जीवन भर मानवता के लिए जिया।
जो फूल और फुलवार से भरा दिखा
आम महुआ से बगीचा भरा दिखाया
पास पड़ोस में एक नगर नजर आया
हमें मां काली का मंदिर खूब भाया।
- सुख मंगल सिंह अवध निवासी
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY