शहर में एक भव्य आयोजन होने वाला था। खूब गहमागहमी थी, नगर के कोने-कोने से वे सारी महिलाएॅ आमंत्रिर्त थीं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में खूब नाम कमाया था। आयोजन स्थल ठसाठस भरा हुआ था। मंच पर वे विदुषियां विद्यमान थी जिन्हें सम्मानित किया जाना था यानि कि पूरा का पूरा आयोजन स्त्रियों कें लिए, स्त्रियों द्वारा और स्त्री-हितैषी था। सम्मान प्रदान करने के लिए मुख्य अतिथि मंच पर आई जो सेवानिव्रत न्यायाधीश थी। सम्मान भेंट करने से पूर्व उन्होंने एक शर्त रखी जिसे सुनकर पूरे आयोजन स्थल में हडकंप मच गया। हैरान परेशान औरतं एक दूसरे की तरफ देखने लगी।कुछ देर बाद धीरे-धीरे सभी चली गयीं। सजे धजे आयोजन हाॅल में सिर्फ मुख्य अतिथि और उनकी वह शर्त बची रह गयी जिसने सभी को विचलित कर दिया था। शर्त थी-सम्मान की अधिकारिणी वही स्त्री होगी जिसने किभी किसी स्त्री को सताया नही होगा ।
सुमन सिह
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