Swargvibha
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कस्टमर

 

माँ ने सेल्समैन को फोन मिला शिकायत की,
"बेटा तुम्हें फोन मिला-मिलाकर परेशान हो गई और तुमने आज जाकर फोन उठाया।"
"आंटी थोड़ा बिजी था, इसलिये आपका फोन न उठा सका।
कहिए क्या बात हो गई।" सेल्समैन ने पूछा।
"बात क्या हो गई तुम एक महीने पहले हमें जो मिक्सी ग्राइंडर बेचकर गए थे,
वह दूसरे दिन से ही खराब पड़ा है।
तुम तो कहते थे कि कस्टमर का मतलब होता है जिसके कष्ट मरें,
फिर हमें कष्टों में क्यों डाल रखा है?" माँ झल्लाते हुए बोलीं।
सेल्समैन ने हँसते हुए कहा, "आंटी कस्टमर का एक दूसरा मतलब भी होता है।"
"वो भला क्या?" माँ ने चकित हो पूछा।
सेल्समैन ने ठहाका लगाया, "कस्टमर यानि जो कष्ट से मरे।"

 

 

 

लेखक- सुमित प्रताप सिंह

 

sumit pratap singh

 

सुमित प्रताप सिंह लोकप्रिय लेखक व गीतकार हैं व देश-विदेश में इनके काफी प्रशंसक हैं. इनका जन्म उत्तर प्रदेश में इटावा के इकदिल के पास स्थित गाँव लालपुरा में हुआ है. इनकी शिक्षा देश की राजधानी दिल्ली में हुई है. बीते दिनों इन्होंने दिल्ली गान व दामिनी गान की रचना की है. इन दोनों गीतों ने काफी प्रशंसा व प्रसिद्दि बटोरी है. अपने लेखन के लिए सुमित अनेक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. साहित्य सेवा करते हुए सुमित देश सेवा में भी व्यस्त हैं और फ़िलहाल दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं.

संपर्क: सुमित प्रताप सिंह
पता- ई- 1/4, डिफेन्स कालोनी पुलिस फ्लैट्स, नई दिल्ली-110049
फोन नंबर- 01126255872
www.sumitpratapsingh.com
http://www.facebook.com/authorsumitpratapsingh

 

 

 

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