SUNIL JAIN
आने वाला है फिर से आज़ादी का दिन
मज़बूत इरादों के साथ उठेंगे उस दिन
जो न कर पाए जो न हासिल कर पाए
उसे भूलेंगे ,अब हम सब कुछ कर सकते है
,बता देंगे पूरी दुनिया को उस दिन
बांध के मुट्ठी उठा के हाथ
जय हिन्द,जय भारत बोलो साथ साथ
थाम के तिरंगा फ़ेहरा दो आकाश में
इस मिटटी की महक को बसा लो हर साँस में
देश भक्त गा रहे थे मेरा रंग दे बसंती चोला
अवाम के दिल में भड़क रहा रहा था एक शोला
गुलामी के पतझड़ का हुआ अंत
मुल्क में आया आज़ादी का बसंत
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