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Sunil Jain
1.कामयाबी की राह नाकामयाबी
की राह से फर्क होती है ,
कामयाबी की राह में आंसू बेमतलब,
जज्बात गैरजरूरी होते है,
सिर्फ खुदगर्ज इरादे जरूरी होते है|
2..चाँद जाते जाते बोला उगते सूरज से,
तू जलता है पूरा दिन,मैं चमकता हूँ पूरी रात , ,
क्या दूर कर पाए है हम दुनिया का अन्धेरा,
देके दुनिया को उजाले की सोगात|
3..सूरज की किरण लेके आई है जमी पर ,
लेके सूरज का ख़ास पैगाम,
दुनिया वालों तुमने इंसानों को नही बख्शा,
जमी को नही बख्शा ,
मेरी रौशनी को बक्श , मुझ पे कर दो अहसान|
4.ना ताज़ी हवा के लिए घर में झरोखे,
ना खिड़की में परिंदों के घोंसले,
ना परिंदों के लिए पानी का इंतजाम ,
कुदरत से क्यों दूर होता ,जा रहा है इंसान |
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