Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जिंदगी : पांच नजरिये

 

Sunil Jain

1.नींद का रास्ता नहीं आसान,

पुराने गम मिलेगे,भूली यादें आएँगी,

आने वाला कल आ जायेगा सामने,

सो सकोगे आज की रात?|,

2. कभी तपता सूरज मिलेगा,कभी आंधियां मिलेंगी,

कभी तूफान हमसफ़र होगा तेरा,

वो रास्ता है दोस्तों से भरा,

उस रास्ते से वाकिफ हूँ मैं|


3.कभी अमावस की रात ने ढक दिया,

कभी बदली ने पर्दा कर दिया,

खिल के चमकने की इज़ाज़त मुझे भी नहीं,

कल चाँद जाते जाते कह गया|



4.उजड़ते , उजड़ते यह बस्ती कुछ कह गयी,

उजाड़ने वाले को सलाम ,

उजड़ने वाले को तसल्ली दे कर गयी|

5. भूखे पेट सोते बच्चों की परवाह नहीं की,

इस जमाने ने,इसी लिए अरसे से,

आस्मां में खिली, धूप देखी नहीं जमाने ने |,

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