''भाई, इस बार सम्भल के रहियो. बल्ले चलेंगे, बल्ले.'' मैं शाम को खाना-वाना खाने के बाद जब टहलने निकला तो रास्ते में कुछ लड़के आपस बातें कर थे। सुनकर ऐसा लगा जैसे कि कोई झगड़ा होने वाला है। मैं उन लड़कों से थोडी दूर हटकर उनकी बातें से सुनने के लिए वहीं रूक गया। मालूम हुआ कि 14 फरवरी अर्थात वैलेन्टाईन डे की बाते चल रही हैं। मुझे कुछ अजीब लगा कि वैलेन्टाईन डे तो प्यार-मोहब्बत की डींगे हांकने का दिन है। भला इस दिन लड़ाई - झगड़े के लिए फुर्सत किसको है। दिनभर तो बेचारों का गिफ्ट सिलेक्ट करने में चला जायेगा और शाम पार्टी में जेब कंगाल। अब जनाब के पास जो थोड़ा-बहुत बचा होगा उसमें या तो वो अपनी फटफटी में पेट्रोल भरा लें, या फिर रिक्शा करके घर जा सकते हैं.
लेकिन नहीं....., उनकी बातों में दम था। मालूम हुआ कि लड़ाई प्रतिस्पर्धा की है, जिसमें अपना भारत भी शामिल है। समझ लीजे कि लव एण्ड वार का दिन एक ही निश्चित किया गया है क्योंकि क्रिकेट वर्ड कप 14 फरवरी से शुरू हो रहा है।
Sunil Srivastava
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY