Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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Sunil Srivastava

 

गर कोई ख़ौफ है तो खुल के बताया जाए,
फालतू बातों में न वक़्त गँवाया जाए।

 


दर्द से कौन परेशॉं नहीं है दुनियाँ में,
हॉं अगर तेरा दर्द है तो सुनाया जाए।

 


सताना हो जो किसी को तो मश़विरा है सुनों,
ज़हर देकर, ज़हर को भी आजमाया जाए।

 


खु़दकुशी करने के मौके तो बहुत आयेंगे,
आज मौका है चलो मौत को रूलाया जाए।

 


'प्रणय' अपने कोई अब घर पे कभी आते नहीं,
सोचा अच्छा सा एक दुश्मन ही बनाया जाए।

 

 

Sunil Srivastava

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