हाँ मैं एक नारी हूँ ..
कोई कहता शक्ति का रूप ..
कोई कहे सदियों से बेचारी हूँ...
हाँ मैं एक नारी हूँ ..
परम पिता से मिला माँ बनने का वरदान मुझे...
मैं सृष्टि की सृजनकारी हूँ...
हाँ मैं एक नारी हूँ ..
सबसे पहले जब आई मैं कोख में..
जाने क्यूँ डूब गए सब शोक में ..
क्या मैं कर्ज इतना भारी हूँ..?
हाँ मैं एक नारी हूँ ..
जैसे तैसे मुझे जीवनदान मिला...
बढ़ने लगी मैं पढने लगी मैं...
जैसे कोई खिलती फुलवारी हूँ...
हाँ मैं एक नारी हूँ ....
बेटी बनी तो घर में लक्ष्मी का वास हुआ...
बहना बनी तो भाई को अपनेपन का अहसास हुआ..
जहाँ खिलते हैं रिश्ते कई मैं वो क्यारी हूँ..
हाँ मैं एक नारी हूँ ..
यौवन में धरा कदम तो गिद्ध मंडराने लगे...
हवाओ के रेले भी आँचल उड़ाने लगे..
कभी टूटी... कभी हिम्मत न हारी हूँ..
हाँ मैं एक नारी हूँ ..
सात फेरे पड़े और मायके से विदा ली मैंने..
पत्नी बनी माँ बनी कई भूमिका अदा की मैंने..
अकेली कई मैं निभाती जिम्मेदारी हूँ
हाँ मैं एक नारी हूँ ..
राम की सीता ..किशन की राधा मैं ..
ब्रह्म शक्ति,शिव भक्ति,जगत माता मैं..
मैं सब आकारों में.. और मैं निरंकारी हूँ..
हाँ मैं एक नारी हूँ ..
Sunita Swami
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