दिल की बात जो दिल से गुजरी है,
वो दिल तक जाने कब जाएगी,
कब उसे मिलेगी दिलों की आंखमिचौली से फुरसत,
कब वो दिल से दिल मिलायेगी !ए जिंदगी जितना तू हमें सताएगी
उतना ही हम तुझे सतायेंगे ,
तू सितम करती जा ,
हम हर हाल में मुस्कुराएँगे !होली के रंग मुझे रंग नहीं पाएंगे
तेरा रंग उतरे तो कोई और रंग चढ़े !नेताओ से कुर्सी तो खूब सम्भाली हैं ,
अपनी जेबें भरली और देश तो खाली है ,
वोट मांगने को फिरते हैं बने सेवक जो ,,
जीतकर राजाओं सी महफ़िल जमा ली हैं !सुना था कभी किसी से ,
ये खुदा की दुनिया है मोहोब्बत से चलती हैं,
करीब से जाना तो समझे ,
ये स्वार्थ की दुनिया हैं बस जरुरत से चलती हैं !!क्या ख़ाक समझेंगे वो प्यार को ,
जो सोच समझ के प्यार करते हैं,
सिर्फ फूल चुनना चाहते हैं बाग़ से,
और काँटों से ऐतराज़ करते हैं !अब न लौटूंगी मैं ये वादा रहा ,
प्यार से पक्का अब ये इरादा रहा ,
जिसे लगता है वापिस आने वाले कमज़ोर हैं,
वो जानलें लौट आने वालों का दिल बड़ा ज्यादा रहा !सीधी बात में छुपी गहरी बात को समझो ,
बातों के पीछे छुपे जज़्बात को समझो ,
जब कोई चाहने वाला करे तुम्हे छोड़ने की बात,
उसकी मजबूरी के पीछे छुपे हालात को समझो !दुःख की आग में तपे बगैर
तू अनुभव का खरा सोना ना हो सकेगा ,
रह जायेगा महरूम हर शय से खुदा की,
बिना पीर सहे कोई ,ख़ुशी के आँसुओं से ना रो सकेगा !मुद्दतों बाद लौटे हैं तेरे शहर में ,,
एक तुझे छोड़ और तो कुछ बदला नहीं !सियासी गलियारों को देख रहे हैं
झूठे भाईचारों को देख रहे हैं ,,
पल भर में जो बना देते हैं झूठ को सच ,,
ऐसे महान किरदारों को देख रहे हैं !!जब भी मौका मिलता है खुद से माफ़ी मांग लेती हूँ..
सबसे ज्यादा दिल तो मैंने ही मेरा दुखाया है.!जिंदगी को आसान करके चलो ,
ग़मों को मेहमान करके चलो ,,
जो इज़ज़त और प्यार दे उसका साथ रखो ,
बाकी को दूर से सलाम करके चलो !हर उल्फत की एक कहानी है ,,
बदनाम हुस्न और जोश-ए-जवानी है ,,
सिला मोहोब्बतों का बड़ा खौफनाक है
रौंदा हुआ इश्क़ ,बहाया लहू जैसे कि पानी है !
मेरे लफ्जों से इसकदर बेरुखी दिखाई उसने
खामोश कर दिया मुझे मुर्दो से बढ़कर !वो वक़्त और था जब तू मुझसे दूर था
मैं भी मज़बूर थी , तू भी मज़बूर था ,
अब तो बदल रहा है मौसम यहाँ भी वहाँ भी ,,
वरना तो प्यार में बस मौत का दस्तूर था !मुझे तेरी किसी बात पे भरोसा नहीं रहा ,
वादा-ए-मुलाक़ात पे भरोसा नहीं रहा ,
तू कहता है बदल गए अब हालात सारे,
और मुझे अब किसी हालात पे भरोसा नही रहा !हज़ारों मंच हैं हज़ारों बाते हैं
सवेरे की तलाश में अब 'हिंद' की राते हैं
अनेक सवाल हैं और जवाब कोई नहीं.
बस राजनेता हैं और राजनैतिक मुलाकाते हैं !!बाज़ारों में सब बिकता तो है मगर ,
जहाँ नाम बड़ा वहाँ दाम बड़ा ,
जाने क्या कीमत चुकानी पड़े संभालिएगा,,
बाज़ार का नियम है अपना नफा बड़ा औरों का नुक्सान बड़ा !!इंसान रहता है एकसा हर मौसम ,,
ये तो वक़्त हैं जो हर पल बदलता हैं
कैसे दोष देदूं मैं उस शख्स को ,,
जो बस वक़्त के आगे मजबूर था !गुजरते वक़्त के हर पल के साथ गुजर रही हूँ मैं ,,
इतना कुछ सिमटा है मुझमे कि बिखर रही हूँ मैं ,,
बदला नहीं मिज़ाज़ मेरा बदलते मौसम में ,,
शायद तभी बढ़ती उम्र में भी निखर रही हूँ मैं !!रही उम्र भर जिंदगी एक ऐसी कहानी दोस्तों ,,
कभी रेगिस्तान की धूल, कभी सागर का खारा पानी दोस्तों !!
मैं बढ़ता रहा आगे मेरी मंजिल की तलाश थी,,
सागर के मिले किनारे ,रेगिस्तान में फिर बरसा पानी दोस्तों !!धुंए में उड़ा रहा था तेरी यादें मगर ,,
तू तो घुल गयी मेरे सारे आस्मां में !!हसरत है तुझे पाने की मगर,
क्या है ये पाना समझ नहीं पा रहा ,
क्यूँ करीब हो रहा हूँ तेरे ,,,
जब कोशिशें कर दूर मैं जा रहा !!एक अजब सा डर सता रहा है,,
कुछ अँधेरा हैं जो मुझे डरा रहा है ,
सहम गयी हूँ तो खुद में ही छूप गयी हूँ,
दूर दूर तक अकेलापन ही नजर आ रहा है !यकीं करलू तेरा या बात टाल दूँ,
या तेरी बेवफाइयों की तुझे मिसाल दूँ ?
तेरा दिया हर जख्म ताज़ा हैं अभी भी ,
भूल जाने का दिखावा करूँ या आखों से लहूँ निकाल दूँ ?बाज़ारों में सब बिकता तो है मगर ,
जहाँ नाम बड़ा वहाँ दाम बड़ा ,
जाने क्या कीमत चुकानी पड़े संभालिएगा,,
बाज़ार का नियम है अपना नफा बड़ा औरों का नुक्सान बड़ा !!तनहा से हो गए हैं आजकल सितारे ,,
मौसम है की बदलता ही नहीं,,
चकोर बैठे कबसे राह तकते ,
ये चाँद है कि निकलता ही नहीं !!तेरी छुअन छू कर मुझे दीवाना कर देती हैं ,
धड़कनों के तेज़ शोर को भी खामोश अफसाना कर देती हैं ,
ये जादू क्या है जब पूछती हूँ तेरी आँखों से ,,
मेरी आखों को अश्क़ों भरा पैमाना कर देती हैं !
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