Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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विभिन्न रंगों के बिम्ब

 

सुशील शर्मा

 

 

ढलती साँझ
अलसाया आसमां
रक्तिम सूर्य।

 

कोरी चूनर
रंग गई फ़ाग में
लाल गुलाल।

 

दर्द का रंग
टूटा और आहत
लगे बेरंग।

 

हरी कोंपल
उम्मीद का दामन
आशा का रंग।

 

लाल रंग
चैतन्य का स्वरुप
देवी का रूप।

 

नील लोहित
समंदर विशाल
समय काल।

 

रंगा यौवन
गाल पर गुलाल
ओंठ पलाश।

 

रंग बसंती
आज़ादी की बहार
देश से प्यार।

 

चेहरे जर्द
मन पुती कालिख
इंसानी रंग।

 

गोरी के अंग
साजन सतरंग
हिना के संग।

 

रोटी का रंग
कितना बदरंग
गरीब तंग।


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