सुशील शर्मा
दिल की धड़कन का शबाब
तुम तक पहुंचे तो कैसें।
मन की बातों का जबाब
तुम तक पहुंचे तो कैसे।
जब से तेरी प्यारी प्यारी
सूरत देखी है।
मेरे मन का गुलाब तुम
तक पहुंचे तो कैसे।
जब जब भी तेरी गली
से तेरी गुजरा हूँ।
मेरे प्यार की शराब
तुम तक पहुंचे तो कैसे।
सारे खत पुस्तक में
गुलाब से लिपटे हैं।
तुझ तक ये खत की
किताब पहुंचे तो कैसे।
तेरे बिन अब ये
जीवन सूना सूना है।
दिल का ये हिसाब
तुझ तक पहुंचे तो कैसे।
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