देश प्रेम
देश हमारा ह्रदय है ,धड़के हर दिन रात।
सांसे इससे हैं जुडी ,बेमिशाल हर बात।
आज़ादी अनमोल है ,रक्षा इसकी धर्म।
तन मन धन अर्पण करें ,यही हमारा कर्म।
शान तिरंगे की दिखे ,ऊँचा गगन समय।
आन बान की शान से ,फर फर फर लहराय।
गढ़ते हैं इतिहास वो ,देश पर हों कुर्बान।
शत्रु दमन करते चलें ,निर्भय सीना तान।
माथे देश की आज लगा ,मन में भर अंगार।
सीमा पर तैनात हैं कर मृत्यु श्रृंगार।
वीर सपूतों को सदा ,मिलता है आशीष।
भारत माँ की गोद में ,जो रखते हैं शीश।
सरहद पर ताने खड़े ,सीना छप्पन इंच।
चीनी पाकी सब भगे,नतमस्तक सब मंच।
पावन भारत की धरा ,सब धर्मों का मान।
नारी वृद्धों को मिले ,जीवन का सम्मान।
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