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Dr. Srimati Tara Singh
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ईद मुबारक

 

सुशील शर्मा

 

 

ईद का चाँद
कल सबने देखा
नेमत बक्शी।

 

मैं की कुर्बानी
अल्लाह की नेमत
बरकत हो।

 

दर्द खरीद
बाँट सारी खुशियां
तब है ईद।

 

ईद का दिन
मिल तो ले जालिम
दुश्मनी कल।

 

मिली थी ईद
कह रही थी धीमे
भूखे को खिला।

 

ईद उम्मीद
मेरे यार की दीद
खुशनसीब।

 

मेरे अल्लाह
बुराई से बचाना
गुनाह माफ़।

 

ईद की दीद
पवित्र बकरीद
मुबारक हो।

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