कल सुबह नींद खुली तो मैंने देखा कि एक चिड़िया जिसका सिर्फ एक पैर था
आँगन में फुदक रही थी।बहुत मुश्किल से वह अपना संतुलन बना पा रही थी।वह
फुदक कर दाना उठाती और उड़कर वह घोंसले में जाने की कोशिश करती लेकिन उड़
नही पा रही थी।उसके चूजे घोंसले से उसे पुकार रहे थे।उसने बहुत कोशिश की
लेकिन वह घोंसले में नही जा पा रही थी।तभी चिड़िया ने देखा कि एक बिल्ली
दबे पैर उसके चूजों की ओर बढ़ रही है न जाने उसमे कहाँ से ताकत आ गई वह
बिजली की तेजी से उड़ी और चीखती हुई बिल्ली के पास पहुंच कर पीछे से
बिल्ली पर चोंच मारी।बिल्ली बिलबिला कर उसपर झपटी तबतक चिड़िया फुदक कर
दूर जा बैठी।
मैं सोच रहा था कि जिस चिड़िया से दो कदम उड़ते नही बन रहा था उस चिड़िया ने
हमला कर बिल्ली से अपने बच्चों को बचा लिया जो उसकी अदम्य इच्छा शक्ति का
ही परिणाम था।
सुशील कुमार शर्मा
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