सुशील कुमार शर्मा
1. वक्रतुण्डाय
धीमहि तन्नो दन्ति
प्रचोदयात।
2. विश्वरूपेण
हे गणपति देव
तुम्हे प्रणाम।
3. हे धूम्रवर्ण
जीवन के आधार
तेरी जय हो।
4. हे भालचंद्र
विघ्न के विनाशक
मोदक भोग।
5. हे गौरी सुत
रिद्धि सिद्धि के भर्ता
नमस्करोमि।
6.कृष्णपिंगाक्ष
सुरः प्रियायः नमः
लम्बोदराय।
7. हे महाकाय
सर्व विघ्न शामक
रक्षा कवच।
8. एक दन्ताय
सर्व शांति कारक
शुभं करोति।
9. गणाधिपति
आत्मा के मूर्तिमान
स्वरुप तुम।
10. गजमस्तक
बुद्धि बल के स्वामी
विस्तीर्ण कर्ण।
11. हे विनायक
ज्ञान विवेक शील
साक्षात ब्रम्ह।
12. विघ्नराजेन्द्रं
मस्तक है विशाल
कुशाग्र बुद्धि।
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