Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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ज्योतिर्मय हो दीवाली

 

हम सब की पावन ज्योतिर्मय हो दीवाली।
सब कड़वाहट पी लें हम हो मन खाली।

 

जो भी कष्ट दिए तुमने मैंने सब माफ़ किये।
जो भी बातें बुरी लगी हों कर देना दिल से ख़ाली।

 

देश और विश्व कल्याण की बातें हम सब करते हैं।
आस पड़ोस के रिश्तों में क्यों खींचा करते हम पाली।

 

इस दीवाली पर हम सब मिल कर प्रण करते।
तेरे घर मेरा दीपक हो मेरे घर तेरी हो थाली।

 

प्रेम के दीपक जलें ख़ुशियों के बंदनवार सजें।
विश्वासों की उज्ज्वल ज्योति हम सब ने मन में पाली।

 

 

*????????(सभी प्रिय जनों को दीपावली की मंगल कामनाएं)*????????

 

 

सुशील शर्मा

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