सुशील कुमार शर्मा
1. कवि सपेरा
भावों की पिटारी
शब्दों के सांप।
2. कवि ह्रदय
जैसे जल कमल
शुद्ध निर्लेप।
3. कवि का कर्म
नव जीवन संचार
उच्च विचार।
4. कवि का मन
प्रेम से परिपूर्ण
शाश्वत दृष्टी।
5. पहुंचे कवि
जहाँ न जाये रवि
अतुलनीय।
6. कवि का काम
सत्य परिभाषित
मन झंकृत।
7.महान कवि
अहंकार से परे
शिशु सदृश्य।
8 .कवि की कृति
सौंदर्य अनुभूति
आनंद सुधा।
9. कवि के शब्द
अन्धकार में दीप
शीतल जल।
10. कविता कला
भावना से रंजित
सत्य समृद्ध।
11.कवि निर्जीव
दुःख दर्द से दूर
खोखलापन।
12.खुद को चीर
शब्द भाव गंभीर
बुनी कविता।
13.शोषित वर्ग
कविता का आधार
बिफरे शब्द।
14. कविता मौन
कोलाहल से परे
एक बीज है।
15. झंकृत शब्द
ह्रदय उदगार
झूमी कविता।
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