मत रोना क्योंकि तुम्हे छोड़ दिया मैंने
साथ कुछ कम ही था कुछ और जोड़ दिया तुमने।
मत रोना क्योंकि नंदू जल्दी बड़ा होगा
मत रोना क्योंकि वो तुम्हारे साथ खड़ा होगा।
मत रोना क्योंकि श्रुति समझदार है ,
मत रोना क्योंकि वो तुम्हारी जीवन आधार है।
मम्मी पापा को समझाना की वो न रोयें ,
अपने बेटे की गलतियों को अश्रुओं से न धोयें।
सावित्री की तरह यमराज से लड़ी थीं तुम ,
मौत के रास्ते में अड़ कर खड़ी थी तुम।
लेकिन विधि का विधान टाला न गया ,
जिंदगी का संविधान पाला न गया।
मत रोना क्योंकि मैं गया नहीं तुम्हारे पास हूँ ,
शरीर से ना सही आत्मा से तुम्हारे साथ हूँ।
(एक विनम्र श्रद्धांजलि अपने प्यारे छोटे भाई जैसे स्वर्गीय शैलेश नेमा को )
सुशील कुमार शर्मा
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