Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मीरा

 

पायो जी मैने

राम रतन धन

वस्तु अमोल।

 

खर्च न खूटे

बढ़त है सवायो

चोर न लूटे।

 

सत की नाव

गुरु है खेवटिया

भव हो पार।

 

मीरा के प्रभु

गिरधर नागर

कृपा सागर।

 

 

 

सुशील कुमार शर्मा

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