सुशील शर्मा
जब तक मुझ पर न बीते मुझे क्या करना।
जब तक मेरा घर न झुलसे मुझे क्या करना।
भ्रष्टाचारी मंहगाई सब बढ़ जाये तो बढ़ जाने दो।
मेरा पेट भरा है जब तक मुझे क्या करना।
देश बेचने वालों तुम बिलकुल मत डरा करो।
मैं तो अपनी आँखे बंद रखूँगा मुझे क्या करना।
भरे बाज़ारों में तुम नंगा नाच करो।
मैं अपनी खिड़की बंद रखूँगा मुझे क्या करना।
शौक से छेड़ो तुम माँ बहनों को यारो।
मैं आवाजें मंद रखूँगा मुझे क्या करना।
तुम सब भूखे नंगे मरते हो तो मर जाओ।
अपनी तिजोरी बंद रखूँगा मुझे क्या करना।
तेरे घर में आग लगी है तू जाने।
मैं अपना पानी बंद रखूँगा मुझे क्या करना।
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