नए आयाम
नए कर्तव्य पथ
नया मुकाम
दूर होगी मुश्किल
सामने है मंजिल।
शांति स्थापना
चहुमुँखीं विकास
प्रेम भावना
सत्य समाहित हो
मन न आहत हो।
सत्य को लिखो
आचरण में दिखो
प्रेम को चखो
स्वर विनम्र रखो
मन से नम्र दिखो।
नव सन्देश
सरस्वती साधना
नित्य रचित
रचना की कामना
साहित्य आराधना
सुशील शर्मा
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