सुशील शर्मा
पत्नी की दृष्टि
अश्रेद्धय व हीन
मृत्यु के तुल्य।
त्याग की मूर्ति
नारी का गौरव
पत्नी हमारी।
पति से प्रेम
पति परमेश्वर
सब अर्पण।
पत्नी का अस्त्र
झरझराते आंसू
पति पस्त।
मंत्री समान
कार्य में परामर्श
सही सलाह।
धर्म में साथ
अर्थ ,काम व मोक्ष
पति के संग।
पति की आज्ञा
रखती सर्वोपरि
परम धर्म।
पति कैसा भी
मानती है अपना
पत्नी है सती।
पत्नी है रत्न
साधना की है निधि
पूजा की विधि।
पति सर्वस्य
प्रियतम अवश्य
शतं नमस्य।
मान सम्मान
पत्नी का अधिकार
सात वचन।
योग्य पत्नी
पति के सुख दुःख
सब अपने।
बिगड़ा पति
बदल दे स्वाभाव
गृह की लक्ष्मी।
पति कारक
पत्नी के सुख दुःख
पूर्ण धारक।
पति की छाया
अर्द्धांगी है नारी
सबसे प्यारी।
साथ न छोड़े
हर सुख दुःख में
मुँह न मोड़े।
पत्नी है पत्र
सब कुछ लिखा है
बाँच लो मित्र।
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