सुशील शर्मा
राधिका नित्य
अनंत अगोचर
दिव्य चिन्मय।
लीला आनंद
अमल अनामय
नित्य अनादि।
जय श्री राधे
कृष्ण मन हरणी
भव हरणी।
राधिका प्यारी
बृष भानु दुलारी
कृष्ण मोहनी।
ब्रज वंदनी
वृंदावन वासनी
जग जननी।
रास रसाल
मधुर चंद्र मुख
बृष की लली।
गोपिका श्रेष्ठ
परम आल्हादनी
राधिका वंदे।
श्री राधा पद
श्याम चरण रत
कृपा कटाक्ष।
राधा की आत्मा
श्री कृष्ण आराधना
नित्य गोपाल।
राधा के बिन
केवल कोरा कृष्ण
साथ श्री रूप।
बृषभानुजा
आल्हादनी ज्योत्सना
कृष्ण वामांगी।
प्रेम अवनि
माधुर्य रसमयी
कृष्ण कामनी।
राधिका पद/
कृष्ण मन मुदित
हृदय बसी।
मुकुट मणि
माधव प्रियतमा
श्री हरी प्रिया।
ब्रह्मा का तप
साठ हज़ार वर्ष
श्री राधा नख।
श्री कृष्ण प्रिया
राधा रसिकेश्वरी
श्री प्राणाधिका।
चन्द्रावलीका
शरचंद्ररूपणी
वृंदा स्वामिनी।
धैर्यशालनी
ब्रह्माण्डधारणी
कृष्ण विनया।
बृज किशोरी
कृष्णमयी अभिन्ना
युगलप्रिया।
राधा ह्रदय
विराजे कृष्णपद
श्री कृपा दॄष्टि।
नित्य किशोरी
नित्यनिकुंजेश्वरी
श्री प्राणेश्वरी।
कृष्ण आधार
राजराजाकर्षनी
रस की धार।
मधु अधर
ज्योत्सना स्मित मुख
कृष्ण लावण्य।
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