स्वतंत्रता की आन पर चढ़े हज़ारों शीश।
नमन करें उनको सदा मिले अमित आशीष।
सीने पर गोली लगी फिर भी मुख मुस्कान।
भारत माता के गर्व हैं ये शहीद जवान।
आज़ादी के यज्ञ में प्राण किये आहूत।
धन्य हुई वह कोख जो जने शहीद सपूत।
बलिदानों की भूमि है ,धन्य है भारत देश।
अगल जन्म फिर से मिले यही धरा परिवेश।
भारत का प्रत्येक जन दस शेरों सा शेर।
गीदड़ भौंके दूर से पास आए तो ढेर।
भगत सिंह ,आज़ाद और सुभाष की आन।
अमिट ,अभेद्द ,अविचल रहे मेरा देश महान।
सुशील कुमार शर्मा
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