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सद्गुण और संस्कार

 

सुशील शर्मा

*दोहे*

 

 

सद्गुण को अपनाइये ,सद्गुण सुख की खान।
सद्गुण से साहस मिले ,नीचा हो अभिमान।

 

बुरे विचारों को तजे,बने आचरण शील।
सद्गुण से सिंचित करे ,विनय विवेक सुशील।

 

सद्गुण से वंचित रहें ,काम क्रोध मद लोभ।
कायरता मन में रहे ,जीवन बने विक्षोभ।

 

साहस और विवेक हैं ,सद्गुण की पहचान।
जीवन संयम से जियो ,सब कोई दे सम्मान।

 

काँटों भरा है रास्ता ,सद्गुण से आसान।
सद्गुण जीवन में रहे ,क्यों भटके इंसान।

 

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