Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सपनों की दुनिया में चाहत ,तेरे संग

 

निश्चल छंद
23 मात्रा
16 ,7 पर यति
चरणान्त में गुरु लघु
क्रमागत दो चरण तुकांत

 

सपनों की दुनिया में चाहत ,तेरे संग।
जीवन का सबक अधूरा है ,दर्द मलंग।
बनते बिगड़ते हालात में ,मन के रंग।
ग़मों के दौर में खुशियां ,कटी पतंग।

 

मदन छंद
24 मात्राएँ
14 ,10 पर यति
चरणान्त में गुरु लघु
क्रमागत दो चरण तुकांत

 

मौत ने जिंदगी को फिर ,किया कितना प्यार।
मौत के प्रति दिखा प्रतिपल ,प्राण का आभार।
निर्मम बना है काल चक्र ,कम्पित भूमण्डल।
हर क्षण लगता आतंकित ,मरता कुछ हरपल।

 

 

 

सुशील कुमार शर्मा

 

 

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