विष्णु पद छंद
26 मात्रा
16,10 पर यति
चरणांत में लघु गुरु
क्रमागत चरण तुकांत।
सत विचारधारा धारित कर,
मन निरपेक्ष सदा।
सत्य के पथ चलता जो मनुज,
मिले सुख संपदा।
धर्म के मार्ग चलो दृढ़ रहो,
अधर्म संग लड़ो।
झूठ का आकर्षण बुरा है,
लालच में न पड़ो।
सत्य के पथ पर चलना कठिन,
कष्ट सहते रहो।
कंटकाकीर्ण मार्ग जब मिले,
नित्य जल से बहो।
जीवन प्रकाश की ओर चले,
तमस कितना घना।
विवेक और पुरुषार्थ संगम
सत्य सीधा तना।
हंस से गुण ग्राहक बनो तुम,
छोड़ अवगुण बुरे।
सन्मार्ग के सुपथ पर अविचल,
जीवन सफल करे।
सुशील कुमार शर्मा
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