Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

सोलह संस्कार

 

सोलह संस्कारों में प्रथम 'गर्भाधान' विचार।
'पुंसवन' 'सीमंतोउन्नयन' ‘जात कर्म’ आधार।
'नामकरण','निष्क्रमण' 'अन्नप्राशन' आनंद।
'चूड़ाकर्म','विद्यारम्भ' कर 'कर्णभेद' सानंद।
'यज्ञोपवीत' अतिपुण्य है 'वेदारंभ' से ज्ञान।
'केशान्त' गुरुकुल में हुआ 'समावर्तन' सम्मान।
'विवाह' संस्कार बने सृष्टि रचना का आधार।
श्री प्रभु का भजन करते हो 'अंत्येष्टि' संस्कार।

 

 

 

सुशील कुमार शर्मा

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ