सुशील शर्मा
सोशल मीडिया एक तरह से दुनिया के विभिन्न कोनों में बैठे उन लोगों से
संवाद है जिनके पास इंटरनेट की सुविधा है।सोशल मीडिया पारस्परिक संबंध के
लिए इंटरनेट या अन्य माध्यमों द्वारा निर्मित आभासी समूहों को संदर्भित
करता है।दुनिया में दो तरह की सभ्यताओं का दौर शुरू हो चुका है, आभासी
और वास्तविक सभ्यता । आने वाले समय में जल्द ही दुनिया की आबादी की तीन
चौथाई से अधिक आबादी इन्टरनेट पर होगी। आज हम सेल्फी सहित तमाम घटनाओं की
तस्वीरें,लाखों लोगों तक अपनी बात महज एक क्लिक की सहायता से पहुंचा सकते
है।आज हम स्वयं के एवम आसपास के बारे में मान्यताओं, सोच, आकांक्षाओं,
चयन और व्यवहार और वस्तुतः उनकी जीवन शैली के संबंध में महत्वपूर्ण
सूचनाएं विश्व के साथ साँझा सोशल मीडिया के द्वारा ही करते हैं। सोशल
नेटवर्किंग या सामाजिक संबंधों के ताने-बाने को रचने में कंप्यूटर की
भूमिका आज भी किस हद तक है, इसे इस बात से जाना जा सकता है कि आप घर बैठे
दुनिया भर के अनजान और अपरिचित लोगों से संबंध बना रहे हैं। आज फेसबुक
एवम अन्य सोशल नेटवर्किंग के जरिये से अपने स्कूल और कॉलेज के उन पुराने
दोस्तों को भी अचानक खोज निकाल रहे हैं, जो हमारे साथ साथ पढ़े, बड़े हुए
और फिर धीरे-धीरे दुनिया की भीड़ में कहीं खो गए।एक स्टडी के अनुसार 2014
में भारत के लोकसभा चुनाव में लगभग 150 सीटों पर सोशल मीडिया ने जीत में
अपनी भूमिका निभाई थी, वहीं दिल्ली राज्य के बहुचर्चित चुनाव में अरविन्द
केजरीवाल द्वारा नवगठित पार्टी ने अपना 80 फीसदी कैम्पेन सोशल मीडिया के
माध्यम से ही किया, और परिणाम पूरी दुनिया ने देखा।
सोशल मीडिया में मेरा दखल करीब छह साल पुराना है मैंने फेसबुक पर अपना
अकाउंट बनाया था। उसके बाद मैंने ट्विटर पर अपना अकाउंट बनाया इसके बाद
व्हाट्स ऍप के आने के बाद तो सोशल मीडिया में क्रांति ही आ गई। फ़ेसबुक के
कुछ दिलचस्प किस्से आप से शेयर करना चाहता हूँ।
1. मैंने किसी अपने दोस्त की वाल पर कोई कमेंट किया मेरे कंप्यूटर से
नहीं मालूम कैसे एक ही शब्द कई बार टाइप हो कर पोस्ट हो गया उसके बाद
सबने मुझे निरा मुर्ख घोषित कर सोशल मीडिया का उपयोग सीखने की हिदायत दी।
2. सुरक्षा की जानकारी न होने के कारण कई अनजान व्यक्ति मेरे दोस्त बन गए
और किसी ने अश्लील विडियो मेरी वाल पर शेयर किया जिससे मुझे मानसिक
परेशानी हुई और मैंने अपना अकाउंट बंद दिया था बाद में सुरक्षा संबंधी
तकनीक सीख कर पुनः चालू किया।
3. जब मैं पूरी तरह से पारंगत हो गया अब मैंने अपनी साहित्यिक रचनाओं को
फेस बुक पर शेयर करना शुरू किया। आज साहित्य के क्षेत्र में मेरी रचनाओं
का जो प्रसार प्रचार है उसमे फेसबुक और व्हाट्स ऐप्प का बहुत बड़ा योगदान
है।
4. फेसबुक एवम ट्विटर के जरिये कई बार देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
जी ,अमेरिका के प्रेजिडेंट ओबामा एवम कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों की पोस्ट
पर कमेंट करने का अवसर मुझे मिला।
5. सोशल मीडिया के जरिये ही मैंने अपने क्षेत्र की कई परेशानियों की
शिकायत पीएमओ से की कई शिकायतों का निराकरण भी हुआ।
6. सोशल मीडिया के जरिये ही मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच से जुड़कर मुझे कई
मित्र मिले एवम मेरी रचनाओं का वाचन देश विदेश में हुआ। इसके लिए में
सोशल मीडिया का ह्रदय से आभारी हूँ।
और भी छोटे मोटे खट्टे मीठे अनुभव रहें हैं। संक्षिप्त में मैंने सोशल
मीडिया को पूरी तरह नए... और प्रॉडक्टिव रूप में देखना सीखा। सोशल मीडिया
सिर्फ लाइक्स, कमेंट और स्टेटस अपडेट नहीं है बल्कि इसमें और भी बहुत कुछ
है।
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