सुशील शर्मा
टन टन टन बज गई घंटी।
गुरुजी की उठ गई शंटी।
गर्मी की छुट्टी फुर्र हो गई
गुरुजी की गुर्र शुरू हो गई ।
गोलू भोलू खेलना बन्द
पढ़ना इनको नही पसंद।
मम्मी ऊपर से चिल्लाएं
पापा गुस्से में आंख दिखाएं।
सारी मस्ती भई छूमंतर।
पढ़ाई का डंडा है सिर पर।
सुबह सुबह स्कूल को जाना।
होम वर्क फिर करके लाना।
धमा धम्म सब कूदें खिड़की से।
डर गए सब मेडम की झिड़की से।
लंच में हम सब लूट मचाएं।
आलू रोटी हम क्यों खाएं।
मोहन की लूटी थी मिठाई।
कक्षा में पड़ गई पिटाई।
छुट्टी के दिन बीते रे भाई।
अब मन लगा कर करो पढ़ाई।
भोलू गोलू बिट्टो बंटी।
टन टन टन बज गई घंटी।
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