सुशील शर्मा
व्हाट्स एप्प है
मनोरंजन तंत्र
सब व्यस्त हैं।
दल पटल
कुछ भी लिख दिया
बिना समझे।
कुछ सदस्य
भेंजे असंख्य चित्र
यंत्र बीमार।
झुण्ड नियंता(admin)
कुछ परेशान सा
दे चेतावनी।
अपनी कृति
लगे सबको अच्छी
चाहें प्रशंसा।
दूजे की कृति
उचटती नजर
मन न भाये।
मन भड़ास
निकले समूह में
खिन्न सा मन।
दल पटल
हो सिर्फ साहित्यिक
मन प्रसन्न।
श्रेष्ठ लेखनी
समाज उपयोगी
शुद्ध रचना
सिर्फ मैं श्रेष्ठ
अहंकार का भाव
नीचे सम्मान।
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