Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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योग

 

सुशील शर्मा

 चित्तवृत्तियाँ
मन को उकसाती
करो निरोध।

 यम नियम
आसान प्राणायाम
धरो धारण।

 ध्यान समाधि
संयमन संयोग
दूर हो व्याधि।

 हृदय शुद्ध
रक्त का संवहन
लगा आसान।

 तन से मन
योग अंतःकरण
स्वस्थ जीवन।

 प्रकृति प्रेम
मानव आचरण
योग के ध्येय।

 मन अहम
इदम से परम
योग नमम।

योग संदेश
कर्म ज्ञान भक्ति का
हो समावेश।

 एकाग्र मन
आचरण शुचिता
योग जीवन

 

 

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