सुशील शर्मा
प्यारी सूरत
चांदनी सा चेहरा
किस के लिए।
एक चाहत
चाँद लेकर आना
सरगोशियां।
तुम न मिले
तुम्हारी तमन्ना थी
यादें ही सही।
प्रेम की पाती
किताबों के पन्ने
सूखते गुलाब।
उदास आँखे
कुछ कहती मुझे
बंद पलकें।
तुम न आओ
लौट जाओगे कल
यादें साथ हैं।
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